अभि तो यह शुरुवात है

देखे -दमोह के एल डी एम ( लीड बैंक मैनेजर) का कारनामा,एस बी आई के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र मे खाना मे मिली मरी हुई मकड़ी कि शिकायत पर कार्यवाही करने कि बजाय उलटे शिकायत कर्ता को ही सुना डाली खरी खोटी, सबाल तो उठेंगे ही ?

दमोह के एल डी एम ( लीड बैंक मैनेजर) का कारनामा,एस बी आई के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र मे खाना मे मिली मरी हुई मकड़ी कि शिकायत पर कार्यवाही करने कि बजाय उलटे शिकायत कर्ता को ही सुना डाली खरी खोटी, सबाल तो उठेंगे ही ?

दमोह – दमोह मे जिला प्रशासन के मुखिया जिला कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर भलेही जिले के बिगड़े हुए हालातो को सुधारने के लिए तरह तरह के उपाय कर रहे हो,मगर उनकी इस मेहनत को खाक मे मिलाने के लिए उनके ही बाजू मे बैठने वाले सम्बंधित बिभागों के अधिकारी जिला कलेक्टर कि मेहनत पर पानी फेरने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहे। जिनके कारण कही न कही जिला कलेक्टर की कार्यवाही पर भी सबालिया निशान खड़े होते नजर आ रहे है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि इस तरह कि चर्चाये अब दमोह शहर कि गलियारों मे गुजने लगी है। फ़िर चाहे वह जिला आबकारी कि कार्यवाही हो, या शिक्षा कि आड़ मे जिले मे चल रहे गौरख धंधे की हो, तो आइये आपको बताते है पूरा मामला।

दरअशल ताज़ा मामला दमोह के समन्ना बाईपास स्थित भारतीय स्टेट बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र (आरसेटी) का सामने आया है। जहा पर बीते रविवार को दूर दराज तथा स्थानीय क्षेत्र से प्रशिक्षण लेने के लिए आ रही करीब 40 से अधिक महिलाओ तथा युवतियों को प्रशिक्षण केंद्र मे भोजन दिया जाता है। मगर जैसे ही प्रशिक्षण कर रही महिलाओ तथा युवतियों को खाना परोसा गया। तो खाना मे दाल के अंदर मरी हुई मकड़ी मिली और जिस कारण प्रशिक्षण कर रही महिलाओ तथा बालिकाओं ने खाना खाने से इंकार कर दिया। हलाकि कुछ महिलाओ तथा युवतियों ने दाल मे मरी हुई मकड़ी मिलने की बात सामने आने के पहले ही वह संक्रमित भोजन कर लिया था। वही इस पूरे मामले की शिकायत एक शिकायत कर्ता के द्वारा जिला कलेक्टर सुधीर कोचर से की गई,और मामले मे तत्परता दिखाते हुए जिला कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने मामले की जाँच के आदेश जारी कर दिया।

शिकायत के बाद जनाब  एल डी एम भड़के शिकायत कर्ता पर, कहा अब कैसे करोगे प्रूप की खाना मे मरी हुई मकड़ी मिली थीं,,,

बतादे की जैसे ही जनाब एल डी एम महोदय यानी लीड बैंक मैनेजर नरेन्द्र कुमार सोनी को घटना की जानकारी लगी तो,आनन फानन मे जनाब एल डी एम महोदय तत्काल एस बी आई के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र, यानी (आरसेटी ) सेंटर पहुचे और सेंटर पहुंचकर शिकायत कर्ता पर भड़क उठे। और कहा की इस बात को बाहर भेजनें की क्या जरूरत थीं। और क्या आपके घर के खाने मे मकड़ी मिल जाती तो क्या आप अपने घर की भी शिकायत कर देती। वही जब शिकायत कर्ता जनाब एल डी महोदय के सतत प्रयासों पर भी झुकता नहीं दिखाई दिया तो, उन्होंने बड़े ही दबंगई के लहजे मे कहा की,,, अब सबूत तो है नहीं, अब कैसे साबित करोगे इस बात को,,,,, और हमारा नाम नरेंद्र सोनी हे,अब आप हमारी भी शिकायत कर दो। और इस प्रकार एल डी एम महोदय ने तत्परता दिखाते हुए प्रशासन की जाँच टीम मोके पर पहुंचने से पहले ही मामले को रफा दफा करने का सतत प्रयास कर लिया। उसके बाद दमोह एस डी एम आर एल बागरी तथा खाद्य बिभाग की टीम मोके पर पहुंची और मामले मे जाँच कार्यवाही शुरू कर दी। वहरहाल जो भी हो मगर इस घटनाक्रम से एक बात तो तय है की,अगर इस प्रकार के घटनाक्रम मे जनाब एल डी एम, यानी लीड बैंक मैनेजर मामले को गंभीरता से लेकर उस पर संज्ञान लेते हुए खाना बनाने के खिलाओ कार्यवाही करते ,और संबंधित प्रशिक्षण केंद्र में खाना खाने वाली प्रशिक्षुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करवाते,तो शायद उनके पद और उनकी कार्यप्रणाली में चार चांद लग सकते थे। मगर इस प्रकार का संबंधित मामले में जनाब एल डी एम महोदय का गैर जेम्मेदाराना रवैया सबालो के घेरे मे बना हुआ है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मकड़ी में कई प्रजातियां पाई जाती है,जिनमे से कुछ प्रजातियां काफी संक्रमित होती है,जिनके संपर्क में आने से या मकड़ी की लार इंसान के शरीर में टच होने से इंसान को संक्रमित होने का खतरा बना रहता है,बहरहाल जो भी हो मगर देखना होगा कि मामले की जानकारी के बाद दमोह जिले के एक जिम्मेदार और सजक जिला कलेक्टर महोदय क्या कार्यवाही करते है,खबर में अन्य अपडेट्स के साथ जल्द होगी मुलाकात ?

 

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Author: Khabarblast

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