दमोह – खबर की हेडलाइन देखकर जरूर आप यह सोच रहे होंगे कि,,,आखिर यह लिखा क्या है,,,तो आप चिंता मत करिए, और ना ही सोच में पढ़िए,, क्योंकि इस खबर की हकीकत चलिए हम बताते हैं आपको। तो बने रहिए हमारे साथ और देखिए कि,,,आखिर यह पूरा मामला है क्या?
दरअसल मामला दमोह जिले की पथरिया का है। जहां पर पथरिया में अंग्रेजी शराब दुकान अपनी समय सीमा के बाद लोगों की नजरों में बंद जरूर हो जाती है। मगर यहां पर 24 घंटे इमरजेंसी सुविधा कि गारंटी होती हैं।इसकी हकीकत इस वीडियो ने स्पष्ट रूप से पब्लिक के सामने रख दी है। बहरहाल इस वीडियो से पथरिया शराब दुकान कि हकीकत सामने आने के बाद इस बात का तो हमें भी भरोसा है कि,जिले के सम्बंधित बिभागों के कथित वरिष्ठ अधिकारी किस तरह से अपनी चुप्पी रूपी हथियार का उपयोग करेंगे। और यह किसी से छिपा नहीं है,, तो चलिए इस मामले में आपको बताते हैं कि आखिर हकीकत है क्या,,,
दरअशल इन दिनों दमोह में इमारजेसी सुविधा जैसे एंबुलेंस और स्वास्थ्य सुविधाएं देर रात या फिर 24 घंटे भलेहि लोगो न मिले,मगर दमोह में शराब की सुविधाओ की 24 घंटे मुहैया कराने की गारंटी जरूर हो चुकी है। जिससे दमोह पुलिस और शराब ठेकेदारों कि दोस्ती फ़िल्म शोले को दर्शाती नजर आ रही है। जिसमे मानो शराब ठेकेदार वीरू और पुलिस जय का किरदार निभाती नजर आ रही हो। पथरिया दुकान का एक वीडियो इन्ही हालातो को बयां करता वायरल हो रहा है। जिसमे पथरिया शराब दुकान बंद होने के बाबजूद सटर के नीचे से खुलेआम शराब बिक्री हो रही है। इतना ही नहीं बल्कि वीडियो मे एक युवक पैसे देकर कह रहा है कि,,,, अरे यार सुन तो लो,,, दो सौ रूपये में दे दो न यार,,, कोई भी दे दो, मगर दे दो न यार,,,और यह हाल सिर्फ पथरिया के नहीं है। बल्कि यह हालात जिले के हर क्षेत्रो के है,पूर्व मे रनेह थाना मे भी भगवती मानव संगठन के कार्यकर्ताओ ने जब रनेह मे अबैध शराब ले जाते हुए कुछ युवकों को बाईक समेत पकड़ा,और मामले कि सूचना रनेह थाना प्रभारी को फ़ोन के माध्यम से दी। तो जनाब रनेह थाना प्रभारी ने सीधे सीधे दो टूक शब्दों मे कह दिया था कि, आपके द्वारा शराब रोकी गई है, हम वहा नहीं आ पाएंगे, और न ही शराब पकड़ पाएंगे,क्योंकि हमारे sp साहब का शख्त आदेश है,,, वही इस पूरे घटनाक्रम कि बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ था,जो जमकर सुर्खिया बटोरता रहा था।
वहरहाल रही बात जिला आबकारी बिभाग कि तो जिले का आबकारी बिभाग तो अपनी आँखो पर मैनेजमेंट रुपी कुछ इस कदर कि पट्टी बांधकर बैठा है कि,मानो अनंत कालीन गहरी निद्रा मे लीन हो चुका हो। और इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि,पूर्व मे इसी पथरिया मे पुरानी शराब आबकारी बिभाग के द्वारा करीब 300 पेटी से अधिक पकडे जाने कि खबर सामने आई थी। जिसमे सूत्रो के हवाले से जानकारी यह भी सामने आई थी कि, मोके पर ही मामले को रफा दफा किया जाने लगा था। मगर गनीमत यह रही कि सूचना के बाद कुछ पत्रकार साथी मोके पर पहुंच गये थे, जिन्हे देख आबकारी बिभाग के कथित अधिकारियो ने तत्काल आनन फानन में उक्त शराब को गाड़ी में रखकर दमोह मुख्यालय लेकर आये और मजबूरी बस कार्यवाही करनी पड़ी। खेर आबकारी बिभाग कि हकीकत तो किसी से छिपी नहीं है, मगर जिले की पुलिस का शराब ठेकेदारों के साथ इस तरह कि दोस्ती निभाना भी अब चर्चाओ का बिषय बन गया है,,,,,फिर चाहे पथरिया पुलिस हो, या देहात थाना पुलिस, या फिर पटेरा पुलिस, इनपर सवालिया उंगलियां उठना लाजमी है,,,, क्योंकि इतिहास गवाह है,और प्रकृति का नियम भी है ,की जो जैसा बोता हे,उसे कटना भी वही पड़ता हे,,,,,,,,तो बने रहिये हमारे साथ इसी प्रकार कि निष्पक्ष और सच्चाई से भरी खबरों के ब्लास्ट के लिए, क्योंकि पिक्चर अभि बाकी है, दोस्तों,,,,, नमस्कार
