अभि तो यह शुरुवात है

दमोह के बांसा तारखेड़ा मे हुए ट्रिपल हत्याकांड मामले मे आखिर क्यों साधी दमोह प्रशासन ने चुप्पी, क्या मुख्य षड्यंत्रकारी आरोपी सुरेखा को अग्रिम ज़मानत दिलाने कि फिराक मे बैठी है दमोह पुलिस,अग्रिम ज़मानत मिली तो पुलिस पर लगे आरोप हो सकते है सही साबित?

दमोह – दमोह के बांसा तारखेड़ा मे 24 जून कि सुवह एक ही परिवार के तीन लोगो पर दनादन फायरिंग करते हुए निर्मम हत्या कर दी गई थी। वही सूचना के बाद मोके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन ने तात्काल कार्यवाही का हवाला देते हुए सहानुभूति का मलहम भी बखूबी लगा दिया था। और तीनों मृतकों के शव को पंचनामा कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर देर शाम तक तीनों मृतक शव कि पोस्टमार्टम कार्यवाही करते हुए,मृतकों के शवो को जिला अस्पताल के शव ग्रह में सुरक्षित रखवाया गया। वही सूत्रों कि माने तो पुलिस को यह डर था कि, कही ऐसा न हो कि, मृतको के शव जैसे ही उनके गृह ग्राम पहुचे और कोई बबाल मच जाये।

 

और आखिर कार दमोह पुलिस को जिसका डर था वही हुआ,और दूसरे दिन जैसे ही तीनों मृतकों के शव उनके गृह ग्राम बांसा तरखेड़ा पहुंचने ही वाले थे कि, उससे पहले घटना के कारण गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने एकत्रित होकर रास्ते में दमोह सागर स्टेट हाईवे जाम करते हुए जमकर हंगामा किया। और दमोह के चर्चित बिल्डर रॉकी उर्फ़ आदित्य सुलेखा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, रॉकी उर्फ आदित्य सुलेखा के द्वारा आरोपियों को घटना को अंजाम देने के लिए पैसे तथा हथियार दोनों मुहैया कराये गए,ताकि आरोपी इस हत्याकांड कि घटना को अंजाम दे सके। मगर पुलिस तभी से लेकर रॉकी सुलेखा के नाम से आना-कानी करती नजर आ रही थी।

वही इस दौरान हंगामा कर रहे परिजनों कि मांग पर दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने तात्कालिक बबाल को शांत कराने के लिए आश्वासन रुपी मलहम लगाने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और तत्काल ही पीड़ित परिजनों कि मांग को स्वीकारते हुए कहा कि, 2 दिन के अंदर हत्याकांड के आरोपियों के द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए बुलडोजर भी चलाया जाएगा। मगर अफसोस जिला कलेक्टर के इस आश्वासन रुपी मलहम के सिर्फ वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मगर ना तो दमोह कलेक्टर की आरोपियों के द्वारा किए गए अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही सामने आई है। और ना ही हत्या का मुख्य षड्यंत्रकारी आरोपी रॉकी उर्फ़ आदित्य सुलेखा समेत उसका मैनेज़ दमोह पुलिस के हाथ लग पाया हे। जो कहीं ना कहीं चिंता का विषय बना हुआ है। वही इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पीड़ित परिजनो के द्वारा दमोह पुलिस पर लेन देन जैसे गंभीर आरोप भी लगाये जा रहे हे।और अगर ऐसे मे बांसा तारखेडा में हुए ट्रिपल हत्याकांड मामले की मुख्य षड्यंत्रकारी आरोपी रॉकी उर्फ़ आदित्य सुलेखा और उसके मैनेजर को अग्रिम ज़मानत मिलती है तो, दमोह पुलिस पीड़ित परिजनों तथा शोसल मीडिया पर लगाए जा रहे आरोपों से अपने दामन को बचा नहीं पायेगी, बहरहाल देखना होगा कि जिला प्रशासन के मुखिया दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर अधिकारी जिला पुलिस अधीक्षक मामले में किस तरह से तत्परता दिखाते हुए तथ्यत्मक कार्यवाही कर पाते है, या नहीं जो देखना लाजमी होगा।

तो चलिए मामले में जल्द मिलेंगे इसी तरह की बेधड़क और निष्पक्ष खबरों के अपडेट के साथ। क्योंकि पिक्चर अभी बाकी है,,,,?
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Author: Khabarblast

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