कहते हे कि, अगर सैया हो बिधायक तो डर काहे कोतवाल का,,,, आज यह बात पटेरा मे स्पस्ट हो ही गई,,,,,,,,
दमोह – किसी ने क्या खूब कहा हे कि,अगर सैया हो बिधायक तो डर काहे कोतवाल का, और यह कहावत आज जिले के पटेरा मे सही साबित हो ही गई हे, जहा हटा बिधायक के सुपुत्र पटेरा थाना पहुचे और उनका रुतवा देख यहाँ यह लगने लगा कि, कही न कही बुंदेलखंड मे बुजुर्गो के मुँह से सुनी हुई यह कहावत बिलकुल सही हे, तो चलिए आपको बताते हे पूरा मामला?
दरअसल पटेरा थाना मे हटा बिधायक के सुपुत्र अंकुश खटीक अपने साथियो के साथ पहुचे, जहा पर एक बिधायक के सुपुत्र का जो स्वागत होना चाहिए सम्बंधित थाना कि पुलिस के द्वारा किया गया, मगर जनाब कि कार सीधे पुलिस थाना के गेट के बीचो बीच रखी नजर आई,जो मोके पर मौजूद आम लोगो मे चर्चाओ का विषय बन गया,हलाकि ऐसा क्यों न हो, जनाब बिधायक के पुत्र जो ठहरे, हद तो तब हो गई जब क्षेत्र मे भ्रमण करके पटेरा थाना प्रभारी पुलिस थाना लौटी तो, उनकी सरकारी पुलिस कि गाड़ी काफी दूर खड़ी करनी पड़ी, वही बताया जा रहा हे कि, थाना प्रभारी कि गाड़ी मे आरोपी था, जो किसी संगीन पुराने आरोप मे फरार चल रहा था, जिसे थाना प्रभारी दबोच कर लाइ हुई थी, ऐसे मे पुलिस थाना कि गाड़ी इतनी दूर खड़ी करना, शायद आरोपी को भागने का मौका दे सकता था, फिलहाल इन दिनों कर्तव्य के आगे प्रदेश कि राजनीती काफ़ी बड़ी नजर आ रही हे, और फिर सत्ताधारी पार्टी के बिधायक के पुत्र को पुलिस कैसे तबज्जो नहीं देगी, खेर जो भी हो मगर इस बात से कही न कही यह जरूर साबित हो गया कि, अगर सैया हो बिधायक तो फिर डर काहे कोतवाल का,,,,,
तो जल्द मिलेंगे इसी प्रकार कि निष्पक्ष और निडर खबरों के ब्लास्ट के साथ, क्योंकि पिक्चर अभि बाकी हे
