दमोह में चल रहा अवैध खनन का ‘कालाधंधा’, खनिज विभाग की ‘चुप्पी’ पर उठे सवाल,,,?
दमोह -दमोह जिले में खनन माफियाओं की तूती बोल रही है, मानो जैसे जिले का खनिज विभाग उनकी जेब में बैठा नजर आ रहा है। पथरिया से लेकर कुम्हारी और गैसाबाद से तेंदूखेड़ा तक, पहाड़ों का सीना छलनी किया जा रहा है, लेकिन जिला खनिज अधिकारी को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता।
खनन माफिया और विभाग की ‘गहरी दोस्ती’?
दमोह – ज्ञात हो कि पिछले दिनों पथरिया में खुलेआम अवैध खनन होते देखा गया,लेकिन खनिज विभाग ने इसे देखने की जहमत तक नहीं उठाई। वही कुम्हारी के चीलघाट इलाके में पत्थर खदानें दिन-रात चालू हैं, लेकिन अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ फाइलों में कागज घुमा रहे हैं।
क्या सच में बिक चुके हैं जिम्मेदार,,,,?
दमोह – बतादे कि मड़ियादो क्षेत्र में भी अवैध खनन की शिकायतें हुईं, लेकिन वहां भी कहानी वही रही। बताया जा रहा है कि जब जिला खनिज अधिकारी मेजर जबरा मौके पर जाने वाले थे, तो माफियाओं को पहले ही सूचना दे दी गई, जिससे वे वक्त रहते बच निकले। आखिर ये ‘सूचना लीक’ करने वाला कौन है? क्या अधिकारी खुद इन माफियाओं के साथ मिले हुए हैं?
खनिज विभाग की ‘चुप्पी’ या ‘सांठगांठ,,,’?
दमोह – वही जिला खनिज बिभाग के इस रवैया के कारण शहर भर में यह चर्चा जोरों पर है कि,खनिज विभाग पर मोटी रकम का दबाव है, और इसी वजह से अवैध खनन पर आंखें मूंद ली गई हैं। शिकायतें होती हैं, लेकिन उनका कोई असर नहीं दिखता। और इस कारण खनिज विभाग की इस लापरवाही से दमोह जिले के प्राकृतिक संसाधन खत्म हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार कुर्सी पर बैठे मौज ले रहे हैं।तथा अपने ऐ0सी चेम्बर से निकलकर कार्यवाही करने कि हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहे हे,अब यहाँ सवाल यह है कि इस गोरखधंधे पर कब तक पर्दा डाला जाएगा? या फिर यह खेल यूं ही चलता रहेगा और नोटों की गड्डियों के सामने प्रशासन नतमस्तक रहेगा,,,,?
