तालाब में नहाने गए तीन मासूमों की एक साथ डूबने से मौत, गांव में पसरा मातम, मां-बाप का रो-रो कर हुआ बुरा हाल,,,,
छतरपुर – छतरपुर जिले के बिजावर क्षेत्र से रविवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बिजावर के उतावली गांव के घुवाऊ तालाब में नहाने गए सगे तीन भाई-बहनों की डूबने से मौत हो गई। हादसा इतना दर्दनाक था कि जिसने भी सुना, उसकी आंखें नम हो गईं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उतावली गांव निवासी रामपाल यादव के तीनों बच्चे — हरि सिंह यादव (12 वर्ष), विनीता यादव (10 वर्ष) और सबसे छोटा भान प्रताप यादव (7 वर्ष) — रविवार दोपहर गांव के बाहर स्थित घुवाऊ तालाब में नहाने के लिए गए थे। बताया जा रहा है कि नहाते-नहाते अचानक एक बच्चा गहरे पानी में चला गया। भाई को डूबता देख बाकी दोनों भाई-बहन उसे बचाने के लिए पानी में कूद पड़े। लेकिन दुर्भाग्यवश तीनों ही तालाब के गहरे पानी में समा गए।
घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। परिजन और ग्रामीण तालाब की ओर दौड़े लेकिन तब तक तीनों बच्चों की सांसें थम चुकी थीं। सूचना पर बिजावर थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। गोताखोरों की मदद से बच्चों के शव तालाब से बाहर निकाले गए।
एक साथ तीन अर्थियां, टूट गया परिवार,,,
रामपाल यादव के घर में एक साथ तीन मासूमों की मौत से कोहराम मच गया। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है। एक ही घर से तीन-तीन अर्थियां उठेंगी, यह सोचकर गांव के लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे।
घटना की सूचना पर बिजावर विधायक राजेश बबलू शुक्ला भी अस्पताल पहुंचे और शोकसंतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने जिला प्रशासन से पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करने की बात कही।
गांव में पसरा मातम, जिम्मेदारों पर उठे सवाल,,?
गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे तालाबों के चारों तरफ सुरक्षा इंतज़ाम किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटना फिर ना हो। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों के नहाने के लिए कोई सुरक्षित इंतजाम न होने से हर साल ऐसे हादसे होते रहते हैं।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की,
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
कई सवाल छोड़ गया यह हादसा:
बच्चों को तालाब में अकेले क्यों जाने दिया गया?
क्या गांव में बच्चों के लिए सुरक्षित स्नान या खेलकूद की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए?
क्या तालाबों के चारों ओर सुरक्षा घेरा या चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए जाने चाहिए?
एक साथ तीन मासूमों की मौत ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। गांव के लोग अब बस यही दुआ कर रहे हैं कि भगवान इस परिवार को इतनी बड़ी पीड़ा सहने की शक्ति दे।
