दमोह की यातायात व्यवस्था पर उठे सवाल – दीपावली पर जाम, अव्यवस्था और पुलिस का सिर्फ ग्लैमर शो!
दमोह – दीपावली का त्यौहार रोशनी और रौनक का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस बार दमोह में यह रौनक लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई। शहर की सड़कों और मुख्य चौराहों का हाल ऐसा हो गया कि यातायात ठप हो गया, और लोग पैदल चलना भी दूभर हो गया।

शहर के प्रमुख मार्गों पर दुकानदारों ने हाईवे तक अपना कब्जा जमा लिया — जगह-जगह टेंट लगाकर और दुकानों का सामान सड़क पर रखकर उन्होंने पूरा हाइवे बाजार में तब्दील कर दिया। नतीजा यह हुआ कि दोपहिया वाहन सवार हों या पैदल यात्री — सभी को सड़कों पर रेंगते हुए निकलना पड़ा।

इधर, यातायात पुलिस अपनी “मौजूदगी” का सिर्फ दिखावा करती नजर आई। चौक-चौराहों पर अधिकारी और जवान तो तैनात जरूर दिखे, लेकिन उनकी भूमिका सिर्फ चालान काटने और दिखावे के भ्रमण तक सीमित रही। शहर के नागरिकों का कहना है कि यातायात पुलिस सिर्फ फोटो सेशन और ग्लैमर दिखाने में व्यस्त है, जबकि शहर का ट्रैफिक नियंत्रण पूरी तरह फेल हो चुका है।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सवाल उठाए हैं कि “जब दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर पहले से भीड़ और जाम की स्थिति का अंदाजा था, तो यातायात पुलिस ने कोई ठोस प्लान क्यों नहीं बनाया? दुकानदारों को सड़क घेरने की अनुमति किसने दी?”
जनता का आरोप है कि यातायात थाना प्रभारी दलबीर सिंह मार्को और उनकी टीम सिर्फ चालान की कार्यवाही कर अपनी ड्यूटी पूरी मान लेते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर व्यवस्था सुधारने की कोई कोशिश नहीं की जाती।
अब देखना यह होगा कि दमोह प्रशासन और यातायात विभाग इस अव्यवस्था पर कब लगाम लगाते हैं, या फिर यह “ग्लैमर शो” ही दमोह की पहचान बनकर रह जाएगा।


























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