दमोह, मध्यप्रदेश के दमोह जिले के पटेरा मे प्रधानमंत्री जल आवर्धन योजना के अंतर्गत पटेरा नगर में करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से जल आपूर्ति परियोजना की शुरुआत की गई थी। उद्देश्य था – हर घर तक स्वच्छ पेयजल की पहुँच। लेकिन हकीकत इससे एकदम उलट है। योजना अभी भी अधूरी है, पाइपलाइन जगह-जगह से लीक हो रही है और कनेक्शन घरों तक नहीं पहुंचे। इसके बावजूद अफसरों ने वर्चुअल लोकार्पण कर वाहवाही लूटने की कोशिश की — अब यह सब एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है।
अधूरी योजना,फिर भी बन्द कमरे मे कर दिया कुर्सी पर पत्थर रखकर झूठा उद्घाटन:,, सबाल तो उठेंगे ही,,,,?
बताया जा रहा हे क़ी,बिना काम पूरा किए, बिना तकनीकी जांच के, एक बंद कमरे में कुर्सी पर पत्थर रखकर योजना का वर्चुअल लोकार्पण कर दिया गया। जनता को भनक तक नहीं लगी। ऐसे में सवाल उठता है – क्या योजनाएं अब सिर्फ ‘फोटो ऑप’ बन गई हैं?सूत्रों के अनुसार, नगर परिषद के पूर्व सीएमओ से ‘गुडविल’ में मिलकर एक ऐसा पत्र तैयार करवाया गया जिसमें योजना को 80% पूर्ण दिखाया गया। इस आधार पर भुगतान भी कर दिया गया। न तो कोई पब्लिक इंस्पेक्शन हुआ, न ही स्थानीय प्रतिनिधियों से सत्यापन।
वही स्थानीय लोगो क़ी माने तो पाइपलाइन की गुणवत्ता इतनी खराब है कि कई जगहों पर लीकेज के कारण सड़कें खराब हो गईं हैं। कई नल कनेक्शन घरों से 20-25 फीट दूर ही छोड़ दिए गए हैं। लोग बाल्टी भरने के लिए सड़क तक जाने को मजबूर हैं। हलाकि इतने के बाद भी दमोह जिला प्रशासन की भूमिका सबसे ज्यादा संदेहास्पद है। कई बार शिकायतें पहुंचीं, पर कोई निरीक्षण नहीं हुआ, कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्या यह चुप्पी महज़ लापरवाही है, या मिलीभगत?इतना ही नहीं बल्कि नगर परिषद पटेरा की भूमिका भी सवालों में बनी हुई हे, क्योंकि निगरानी, निरीक्षण और जन सहभागिता जैसे बुनियादी दायित्वों को नगर परिषद ने नज़रअंदाज़ किया। यह कार्य परिषद के द्वारा स्वीकृत किया गया था, लेकिन उन्होंने तकनीकी और वित्तीय सत्यापन की बजाय “सुविधा अनुसार” रिपोर्ट तैयार की।
अब जनता का सवाल: क्या होगा जवाबदेही का?,,
1. क्या इस योजना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी?
2. क्या दोषी अफसरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी?
3. क्या जनता को उनका हक मिलेगा या यह मामला भी दबा दिया जाएगा?
बहरहाल जो भी मगर जिस तरीके से नगर परिषद पटेरा के एक कमरे मे से प्रधान मंत्री जल आवर्धन योजना, यानी नल जल योजना का चोरी छुपे लोकार्पण कर दिया गया, वह कही न कही संदेह के घेरे मे बना हुआ, ज्ञात हो एक दिन पहले इस योजना के लोकार्पण के लिए नपा पटेरा क़ी पी आई सी क़ी समिति समेत तमाम पार्षद और स्थानीय लोगो ने जमकर विरोध करते हुए आबाज उठाई थी,फिर भी लोकार्पण कर दिया गया, खेर जो भी हो मगर प्रधानमंत्री जलावर्धन योजना की आड़ में जिस तरह से जनता के पैसों की खुली लूट पटेरा में देखने को मिली है,वह कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में बना हुआ है,वहीं अगर इसमें जिला प्रशासन के मुखिया दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर की भूमिका की भी बात की जाए,तो कहीं ना कहीं वे भी अपने आप को इस भ्रष्टाचार के दाग से सलामत नहीं रख सकते, बहरहाल जो भी हो मगर देखना होगा कि अब मामला उजागर होने के बाद में जिला कलेक्टर इस मामले में कार्यवाही करते हे, या फिर पूर्व की भांति तमाम फाइलो क़ी भांति यह मामला भी जांच के नाम पर धूल खाता नजर आएगा,
तो जल्द मिलेंगे मामले में ताजा अपडेट के साथ क्योंकि पिक्चर अभी बाकी है,,,
