अभि तो यह शुरुवात है

देखे – क्या जिला मे मनरेगा मे चल रहे ताबड़तोड़ फर्जीवाड़े मामले मे नहीं रहा दमोह जिला प्रशासन के मुखिया का निष्पक्ष जाँच कर कार्यवाही करने का जजवा, समाजसेवीयो को खटखटना पड़ रहा न्यायापालिका का दरबाजा,सबाल तो उठेंगे ही ?

देखे – क्या जिला मे मनरेगा मे चलरहे ताबड़तोड़ फर्जीवाड़े मामले मे नहीं रहा जिला प्रशासन के मुखिया का निष्पक्ष जाँच कर कार्यवाही करने का जजवा, समाजसेवीयो को खटखटना पड़ रहा न्यायापालिका का दरबाजा,सबाल तो उठेंगे ही ?

किसी ने क्या खूब लिखा है कि में बचाता रहा दीमक से अपना घर और चंद कुर्सी के कीड़े पूरा मुल्क खा गए ?

दमोह – ऐसा ही कुछ मामला इस समय दमोह में दिखाई दे रहा है। जहां पर पंचायत विभाग के मनरेगा में कुछ इस कदर की भ्रष्टाचारी सर चढ़कर बोल रही है,मानो इतिहास बनने पर आमादा हो रही हो। और अगर बात की जाए यहां के जिला प्रशासन के अधिकारियों की तो अब ऐसा लगने लगा है कि, जिले के समाजसेवियों का भरोसा जिला प्रशासन की निष्पक्ष न्याय प्रणाली पर से उठ गया है। जिस कारण अब दमोह के समाजसेवी जिला प्रशासन की आस में ना बैठकर बल्कि न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर हो गए हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि पूरा मामला आखिर है क्या ?

मनरेगा विभाग में हटा पटेरा में हुए ताबड़तोड़ भ्रष्टाचार का मामला पहुंचा उच्च न्यायालय,,,,

 

दमोह – दरअसल इन दिनों जिले के पंचायत विभाग के मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम में कुछ इस कदर की भ्रष्टाचारी पनप रही है, कि मानो सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी हो । ज्ञात हो कि,मनरेगा में स्थानीय लोगों को मिलने वाली मजदूरी को कथित ठेकेदार और संबंधित विभाग के बी एस यादव समेत कई सफेद पोस संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से हड़प ली जा रही है।

ऐसा ही मामला दमोह के हटा तथा पटेरा में सामने आया था । जहां पर मनरेगा में ताबड़तोड़ भ्रष्टाचारी की गई। वहीं इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय समाजसेवियों के द्वारा जिला कलेक्टर से लेकर प्रदेश के मुख्यालय तक में की गई। मगर मजाल है कि कोई कार्यवाही करने के लिए सामने आ सके। जिससे कहीं ना कहीं जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के आला अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े होते नजर आ रहे हैं। जिसके बाद हताश होकर समाजसेवियों के द्वारा माननीय न्यायपालिका हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर मामले में जनहित याचिका दायर कर दी गई। और अब यह मामला माननीय उच्च न्यायालय यानी हाई कोर्ट के संज्ञान में पहुंच चुका है। जो जल्द ही जांच के आदेश जारी कर सकती है। बहरहाल जब स्थानीय प्रशासन पर जिले वासियों का भरोसा निष्पक्ष कार्यवाही और न्याय को लेकर उठ जाए तो समझ जाना चाहिए कि यह कहावत कहीं ना कहीं सच होती नजर आ रही है कि हम तो दीमक से अपना घर बचाते रहे ,मगर चंद कुर्सी के कीड़े सारा मुल्क खा गए।

इसी तरह की सच्चाई तथा बेबाक और निष्पक्ष खबरों से अपडेट्स रहने के लिए बने रहे हमारे साथ,,,,जल्द मिलेंगे अगले अपडेट्स के साथ ,क्योंकि पिक्चर अभी बाकी हे,,,

Khabarblast
Author: Khabarblast

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