अभि तो यह शुरुवात है

दमोह: पटेरा में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, कंप्यूटर दुकानों से मिली पंचायतों की सीलें, डोंगल और शासकीय दस्तावेज — प्रशासन सवालों के घेरे में,आखिर कलेक्टर ने क्यों साधी चुप्पी?

दमोह – मध्यप्रदेश के दमोह जिले के पटेरा क्षेत्र में मंगलवार को पुलिस की स्पेशल टीम द्वारा की गई छापामार कार्रवाई से पूरे जिले में हड़कंप मच गया। कार्रवाई के दौरान पटेरा स्थित तीन कंप्यूटर दुकानों से बड़ी मात्रा में डिजिटल सिग्नेचर डोंगल, ग्राम पंचायतों की सीलें और शासकीय दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इस बरामदगी ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बतादे क़ी इस दौरान पुलिस ने पटेरा के मुख्य बाज़ार स्थित राय कंप्यूटर, राय सेल्स एंड सप्लायर, और दमोह रोड स्थित विश्वकर्मा कंप्यूटर पर एक साथ छापे मारे। कार्रवाई के दौरान पुलिस को:

कई ग्राम पंचायतों की मूल सीलें,
डिजिटल सिग्नेचर डोंगल्स,
स्वीकृत सरकारी फाइलें,
अधिकारियों की सीलें और दस्तावेज,,

जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। बताया जा रहा है कि कुछ दस्तावेजों में 60 ग्राम पंचायतों से संबंधित सामग्री भी शामिल है।

क्या निजी दुकानों से चल रही थीं पटेरा जनपद क़ी 60 ग्राम पंचायतें?

बतादे क़ी जांच में यह बात भी सामने आई है कि इन दुकानों में ग्राम पंचायतों के शासकीय कार्यों से जुड़ी कई फाइलें मिल रही हैं। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि जनपद पंचायत पटेरा की कई ग्राम पंचायतों का संचालन निजी दुकानों से हो रहा था।

वही विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की सामग्री का दुकान पर मिलना सिर्फ दस्तावेजी लापरवाही नहीं, बल्कि गंभीर प्रशासनिक चूक है।

प्रशासन की चुप्पी और जनता की नाराज़गी,,

छापेमारी के बाद से अब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस चुप्पी ने पूरे मामले को और अधिक संदिग्ध बना दिया है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मामले की CBI या SIT से जांच कराने की मांग की है। क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इन सीलों और डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग पंचायतों के नाम पर फर्जी बिल और भुगतान के लिए किया गया है, तो यह कई लाखों रुपए के गबन का मामला बन सकता है। ऐसे में दोषियों के विरुद्ध आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज करना जरूरी हो जाता है। क्योंकि कार्यवाही के दौरान जब मोके पर मौजूद मीडिया ने प्रसासनिक अधिकारियो से पूछा तो, उन्होंने बताया क़ी यह एक बड़ी लापरवाही हे, जो सामग्री यहाँ पर टीम क़ो बरामद हुई हे, वह सामग्री शासकीय कार्यलयों मे होनी चाहिए थी,मामला स्पस्ट तोर पर शासकीय पदीय दायत्वों के प्रति लापरवाही करना,तथा बड़े खुलासे क़ी और इंगित करता नजर आ रहा हे। 

 

छापामार कार्यवाही मे हुए खुलासे से क्षेत्र क़ी जनता मे आक्रोश, कलेक्टर पर भी उठाये तीखे सबाल?

दमोह जिले के पटेरा में सामने आए इस मामले ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार जड़ें जमा चुका है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाता है — या फिर हमेशा की तरह मामले को फाइलों में दबा दिया जाएगा। वही लोगो का कहना हे क़ी, दमोह कलेक्टर कहने क़ो तो निष्पक्षता और लापरवाहियो पर तत्काल कार्यवाही करने का चोला ओढ़कर चलते नजर आते हे,मगर जिले मे कही फर्जी शिक्षक, तो कही फर्जी डॉक्टरो के द्वारा लोगो क़ी जान से खेलना, तथा कही फर्जी दस्ताबेजो का उपयोग कर शासकीय नोकरिया करने जैसे मामलो के खुलासे होने के बाद चुप्पी क्यों साध लेते हे, जो कही न कही सबालो के घेरे मे बना हुआ हे। 

तो जल्द मिलेंगे मामले मे ताज़ा अपडेट्स के साथ क्योंकि पिक्चर अभि बाकी हे,,,?

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Author: Khabarblast

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